केरल में आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या मामले में दो और लोग गिरफ्तार
केरल में आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या मामले में दो और लोग गिरफ्तार
केरल के पलक्कड़ जिले में हाल में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के एक नेता की हुई हत्या के मामले में दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इसके साथ ही अब तक इस मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी.
बाकी आरोपियों की भी हुई पहचान
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) विजय सखारे ने बताया कि जिन दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनमें से एक सीधे तौर पर 16 अप्रैल को आरएसएस नेता एसके श्रीनिवासन (45)पर हुए हमले में शामिल था. एडीजीपी सखारे ने बताया कि पुलिस ने श्रीनिवासन की हत्या के मामले में षड्यंत्रकारियों, हमले के समन्वयक और आश्रय देने वाले सहित सभी लोगों की पहचान कर ली है और कुछ और गिरफ्तारियां जल्द की जाएंगी.
सखारे ने बताया कि करीब 14-15 लोग षड्यंत्र का हिस्सा थे और उन्होंने पहले दो अन्य आरएसएस नेताओं की हत्या करने की कोशिश की थी लेकिन अपने लक्ष्य को पाने में विफल रहने पर उन्होंने श्रीनिवासन को निशाना बनाया. उन्होंने बताया कि श्रीनिवासन चूंकि कुछ समय से पार्टी कार्य या राजनीति में सक्रिय रूप से शामिल नहीं थे, इसलिए संभवत: उन्हें अपने जीवन पर किसी खतरे की आशंका नहीं हुई और इसलिए वह छिपे नहीं, जैसा कि आरएसएस के दो अन्य नेताओं ने किया था.
बदला लेने के लिए की गई हत्या
हालांकि, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने उन दो आरएसएस नेताओं के नामों का खुलासा नहीं किया, जो हमले से बच गए हैं. पुलिस ने बताया कि श्रीनिवासन की हत्या के मामले में गिरफ्तार अधिकतर आरोपी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसकी राजनीतिक इकाई सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के कार्यकर्ता हैं. पुलिस के मुताबिक, आरएसएस नेता की हत्या 15 अप्रैल को पीएफआई नेता सुबैर (43) की हत्या के प्रतिशोध में की गई. उन्होंने बताया कि सुबैर की हत्या के मामले में आरएसएस के तीन कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है.
गौरतलब है कि आरएसस के पूर्व जिला नेता और पदाधिकारी श्रीनिवासन की हत्या मेलामुरी स्थित उनकी मोटरबाइक की दुकान पर छह सदस्यों के गिरोह ने 16 अप्रैल को कर दी थी. यह हत्या सुबैर की जिले के इलाप्पुल्ली में 15 अप्रैल को दोपहर मस्जिद से नमाज अदा करने के बाद पिता के साथ लौटने के दौरान हुई हत्या के करीब 24 घंटे के भीतर हुई.